Saturday 26 August 2017

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* ‘उत्तम क्षमा’ *

अनुभव आज अनाथ है,
बुद्धि आज बेहोश
पल पल बढता जा रहा,
कटु कषाय का कोष
शुन्य पड़ी है चेतना,
वाणी है लाचार
मन के राजा हो गए अहंकार ममकार,
मै भी इस परिवेश में
करता नित्य प्रमाद,
देकर के *‘उत्तम क्षमा’*
दे अरिहंत प्रसाद ||

 🙏🙏🙏    




*_।। मिच्छामि दुक्कडम् ।।_*

*_खामेमि सव्व जीवे, सव्वे जीवा खमंतु में,_*
*_मित्ती में सव्व भुएसु, वेरं मज्झ न केणइ_*

क्षमापना के महापर्व पर्यूषण के, पूरे साल में कभी भी, कही भी और किसी भी प्रकार से, जाने-अनजाने अगर मैंने आपका दिल दुखाया हो तो मन, वचन और काया से    : *मिच्छामि दुक्कडम्*.  
          
  🙏 🙏 🙏




🙏" मिच्छामी दुक्कडम "🙏 


चलते चलते रुक गए हम
ना जाने क्या भूल गए हम

हसते हसते कितनों को सताया हमने
अनजाने में कितनों को रुलाया हमने

कडवे शब्दों से कितनों का दिल दुखाया होगा 
फिर हंसकर गर्व जताया होगा 

दिल शायद नादान था
पाप से भी अनजान था

आज हर छोटी गलती से तौबा करना है
ईगो छोड अपना सर झुकाना है

माफ करना दोस्तों पर्युषण के पावन पर्व पर 
क्षमा मांगते है हाथ जोडकर

  🙏🙏🙏




🙏हृदय की असीम गहराईयो से🙏....
मैं और मेरे परिवार की तरफ से आज से शुरु हो रहेे सबसे बड़े त्योहार 
*पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व*
की हार्दिक मंगल कामना और इन 11 दिनों मे आपकी तपस्या, आराधना, भक्ति सुख साता पूर्वक पूर्ण हो ऐसी शुभकामनाएँ...एवं  पर्युषण महा पर्व के आरम्भ होने से पहले मन , वचन और काया से आप सभी को
*🙏उत्तम क्षमा🙏*





🙏🙏 *!मिच्छामि दुक्कडम!* 🙏🙏

 🌹🌷💐🌻🍁🌷💐🌻🍁

     *सम्पूर्ण वर्ष के दौरान* 

       *मेरे अहंकार से...* 
यदि मैंने किसी को नीचा दिखाया हो

     *मेरे क्रोध से...*
अगर मैंने किसी को दुखी किया हो

        *मेरे झूठ द्वारा ...* 
अगर मैंने किसी को धोखा दिया हो

       *मेरी ना से ...* 
      यदि किसी की सेवा में, 
      दान में बाधा आयी हो

*मेरे पल पल , एक एक कण से* 
*मैंने किसी को निराश किया हो*...

तो मस्तक झुकाकर, हाथ जोड़कर, दिल से,

🙏🙏 *"मिच्छामि दुक्कडम"* 🙏🙏
🙏 🙏






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