आदमी भगवान से
लाखों करोड़ों की
चाहत रखता है
लेकिन जब मंदिर जाता है
तो जेब में
सिक्के ढूँढता है...
"सत्य वचन"
जीवन भी कितना अजीब है
जो टेढ़े हैं उन्हें छोड़ दिया जाता है
जो सीधे हैं उन्हें ठोक दिया जाता है!
"सत्य वचन"
नफरतों के शहर में
चालाकियों के डेरे हैं, यहाँ वो
लोग रहते हैं जो तेरे मुंह पर
तेरे हैं और मेरे मुंह पर मेरे हैं...
सत्य वचन
चमचा जिस बर्तन
में रहता है,,
उसी को खाली
कर देता है, चमचों से
सावधान..
सत्य वचन... कटु लेकिन सत्य..
कलयुग है साहब
यहाँ झूठे को स्वीकार किया जाता है
और सच्चे का
शिकार किया जाता है..
Nice
ReplyDeleteYOUR SUVICHAR IS VERY
ReplyDeleteWorth reading