जैन धर्म कविता...
जैनपथ, जैनपथ, जैनपथ...
महावीर के बताए मार्ग पर, तू चलेगा सदा
हिंसा से दूर रहेगा, झूठ से बचेगा सदा
बुराइयों को पास आने दे मत,
जैनपथ, जैनपथ, जैनपथ।।
दिगंबर और श्वेतांबर भूल जाना अभी
पंथों में बांटने वाली राह पर, ना जाना कभी,
एक सबको करने की ले शपथ,
जैनपथ, जैनपथ, जैनपथ।।
तीर्थंकर वही, गुरु वही, फिर कैसा भेद है,
आखिर क्यों हमारे मन में, ये मतभेद है,
जिओ और जीने दो का संदेश विश्व में फैलाना है,
पंथ वाद वाले जैनों को, सबके साथ मिलाना है,
रक्षा करनी है हमें मुनियों के सम्मान की,
रक्षा करनी है हमें जैन ध्वज के मान की,
रक्षा करनी है हमें तीर्थों की पहचान की,
रक्षा करनी है हमें महावीर के ज्ञान की,
ये संभव होगा, जब हम एक होंगे,
हमारे प्रभु महावीर एक होंगे,
तो आओ सब साथ में और लो ये शपथ।
जैनपथ, जैनपथ, जैनपथ।।
🙏🌷जय जिनेंद्र🌷🙏
🔔🕉 जय महावीर 🕉🔔
🚩 जैनम जयतु शासनम् 🚩
हम नहीं दिगम्बर श्वेताम्बर, तेरहपंथी स्थानक वासी
हम एक धर्म के अनुयायी, हम एक देव के विश्वासी।
हम जैनी अपना धर्म जैन, इतना ही परिचय केवल हो,
हम यही कामना करते हैं, ऐसा आने वाला कल हो।।
🙏 "जय जिनेन्द्र" 🙏
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