🚩🙏 पंच परमेष्ठी 🙏🚩
प्रतिदिन प्रातः उठकर करें,
पंच परमेष्ठी को नमन...
जीवन बने हमारा,
शीतल सुगंधित चंदन...
अभिलाषा यही हमारी,
कर्म का करो निकंदन...
हाथ जोड़ पंच परमेष्ठी के,
चरणों में कोटि कोटि वंदन...
🙏 🙏 🙏
पंच परमेष्ठी जी और उनके 5 धर्म...
🚩 औदार्य 🚩
औदार्य अरिहंतों में प्रकृष्ट रूप में विद्यमान है। समस्त जीवों का उद्धार करने की करुणामई उदार भावना से वे भगवता को प्राप्त हुए हैं... भगवान बने हैं।
🚩 दाक्षिण्य 🚩
दाक्षिण्य सिद्धों में उत्कृष्ट रूप से है।
वे जगत के समस्त जीवों को पूर्ण स्वरुप में देख रहे हैं।कितना दाक्षिण्य है उनमें...
🚩 पाप जुगुप्सा 🚩
आचार्य भगवंतो में भारी पाप जुगुप्सा विद्यमान है। इसी कारण वे आचारों का निर्दोष पालन करके और उपदेश देकर जगत को पाप से बचाते हैं।
🚩 निर्मल बोध 🚩
उपाध्याय भगवंतों में उत्कृष्ट निर्मल बोध विद्यमान होता है। वे स्वयं आगम शास्त्रों के ज्ञाता होते हैं तथा अन्य मनुष्य को भी अपने समान बनाते हैं।
🚩 लोकप्रियता 🚩
सज्जन मनुष्य में साधु सदैव प्रिय होते हैं। साधुओं को स्वाभाविक तौर पर ही लोकप्रियता हासिल होती है।
पंच परम परमेष्ठी जी,
जग में आप महान..
ध्यान धरूं मैं आपका,
बारम्बार प्रणाम...
🚩🙏⚘🙏⚘🙏🚩
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