अहिंसा परमो धर्म:
जियो और जीने दो...
वाह रे मानव तेरा स्वभाव...
लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है...
पर बेजुबान जीव को मार के खाता है
जीवदया जीवदया जीवदया जीवदया...
जैन धर्म अहिंसा परमो धर्मः के सिद्धांत पर अडिग है। हमारा धर्म करुणा परोपकार और अनुकंपा की प्रेरणाओं से भरा धर्म है। हमारे इतिहास के जगमगाते पृष्ठो में भगवान शांतिनाथ, भगवान अरिष्टनेमिनाथ एवं करुणा सिंधु भगवान पार्श्वनाथ एवं अनेक श्रावकों के ऐसे जीव दया प्रेम का उल्लेख है जिन पर हमारी आस्था और श्रद्धा टिकी हुई है। जीव दया की महत्वपूर्ण योजना को अपना महत्वपूर्ण सेवा प्ररकल्प बनाया है। जो आज अनेकों मूक प्राणियों के लिए आशा का संदेश बन गया है।
परमात्मा से कर विनय, सबका हो कल्याण।
सबका हो कल्याण, जीव यदि कोई सताये,
भावना मन में बदले, की फिर कभी ना आये।
पाठक की यह विनय, करो हृदय में धारण,
व्रत अहिंसा का लेकर, नहीं किसी को मारना।
जियो और जीने दो...
जीवदया का एक बेजोड़ उदाहरण...
जियो और जीने दो...
"अहिंसा परमो धर्म:"
Be Happy.. Be Healthy...
Be Vegetarian...
Jiyo Aur Jeene Do
Ahimsa Paramo Dharma
Live And Let Live...
अपने भीतर से दया करने का यह भाव
कभी ख़त्म मत होने देना...
क्योंकि यही वह गुण है
जो हमें इंसान कहलवाता है...
भीषण गर्मी आ गई है... गौ माता
एवं अन्य जीवों के लिए अपने घर के पास
पानी की टंकी जरूर रखें...
धन से दरिद्र इंसान तो फिर भी संपन्न हो जाता है
पर जो मन और कर्म से दरिद्र बनकर
गौ माता को कसाई को भेचता है
वह कभी संपन्न नहीं बन सकता।
Live And Let Live...
JivDaya, Jiyo Aur Jeene Do,
Ahimsa Paramo Dharma,
Save Animals, Animal Love...
When you really Love Someone,
Age, Distance, Height,
Weight is just a Number...
Love Animals...
Save Animals...
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