🚩 चातुर्मास पर्वोत्सव 🚩
चा : चार गति का नाश करे
तु : तत्व की पहचान कराए
र्मा : मोह का नाश कराए
स : संयम की अभिलाषा जगाए
चातुर्मास : जागरण का पर्व...
हर जैनी करता है इन अनमोल घड़ियों का इंतजार,
गुरु भगवंतों के सानिध्य में बीते चातुर्मास बार-बार।
ज्ञान दर्शन चरित्र तप का लगता रहे मेला,
दौड़-दौड़ कर के आए मंदिर छोड़ संसार का झमेला।
गुरु भगवंतों के मुखारविंद से सुनने मिले जिनवाणी,
मनुष्य भव पाकर बड़े हमारी पुण्य वाणी।
सम्यक ज्ञान रूपी जोत को करें हम प्रकाशित,
जैन धर्म के तत्व ज्ञान से होते रहे संस्कारित।
सम्यक दर्शन तो मोक्ष पाने तक देगा हमें साथ,
जिन उपदेशों को अब हमें करना है आत्मसात।
सम्यक चारित्र दृढ करेगा हमारा संकल्प,
दान, शील, तप,भाव हैं बहुत सारे विकल्प।
सम्यक तप से करेंगे हम कर्मों को चकनाचूर,
मोक्ष रूपी राह ना होगी अब हमसे दूर।
गुरु भगवंतों की कृपा से लूटेंगे सद्गुणों का खजाना,
महका देंगे हम हमारा जिन रूपी घराना।
हर क्षेत्र में गूंजेंगे अब भगवान महावीर के नारे,
चातुर्मास सफल बनाने में तन मन लगा देंगे सारे।
चातुर्मास के इन दिनों को हमें सार्थक बनाना है, जिनवाणी से अपना जीवन ओतप्रोत बनाना है। चातुर्मास की आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं। आपका चातुर्मास धर्ममय बने यही वीर प्रभु के चरणों में प्रार्थना करते हैं...
🙏 जय जिनेंद्र 🙏
🚩🔔 जय महावीर 🔔🚩
🚩🔔🕉 जैनम् जयतु शासनम् 🕉🔔🚩
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