Friday 17 March 2017

"जिनवाणी का सार"...

Jai Jinendra image,Jinvaani image,Jain Suvichar image



"जिनवाणी का सार".....


दु:ख से भरा संसार है

यहाँ कर्मों का व्यापार है

धर्म शरण से मुक्ति मिलेगी

"जिनवाणी का सार है"


नैय्या पड़ी मझधार है

करना सागर पार है

"आज महावीर की शरण में"

तेरा बेड़ा पार है..


" जय जिनेन्द्र "



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