* जय जिनेन्द्र *
" जय जिनेन्द्र " कहना
जैनत्व की प्रमुख पहचान है।
हम पूरे दिन में शायद भगवान का
स्मरण करने के लिए समय न निकाल
पाए, लेकिन "जय जिनेन्द्र" कहने से
हम स्वतः जिनेन्द्र परमात्मा को
नमस्कार करते हैं।वो भी सिर्फ
एक या दो तीर्थंकर को नहीं,
बल्कि भूत, भविष्यत व
वर्तमान के सभी तीर्थंकर
की जय बोलने का
लाभ मिलता है।
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