*प्रात:वन्दन*
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*प्रार्थना करने से हमारे विचार शुद्ध होते हैं*
*दर्शन करने से हमारा मन शुद्ध होता है.*
*कीर्तन करने से हमारा कर्म शुद्ध होता है.*
*मनोरथ करने से हमारा चित्त शुद्ध होता है.*
*परिक्रमा करने से हमारा तन मन शुद्ध होता है.*
*सेवा करने से हमारी आत्मा शुद्ध होती है.*
*सदा स्मरण करने से जीवन शुद्ध होता है.*
" जय जिनेन्द्र "
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